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वॉटर सेस पर चंडीगढ़ में भगवंत मान से मिले CM सुखविंदर सिंह सुक्खू

चंडीगढ़/शिमला. हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाओं पर वॉटर सेस लगाने के मुद्दे पर हिमाचल, हरियाणा और पंजाब आमने सामने हैं. हिमाचल प्रदेश में हाल ही में बजट सत्र में वॉटर सेस लगाने को लेकर कानून पास हो गया है. ऐसे में अब पंजाब और हरियाणा इस कानून का विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में बुधवार को चंडीगढ़ में हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात की है. दोनों के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हुई है. हिमाचल ने पंजाब के सीएम को आश्वस्त किया है कि इस कानून से पंजाब को कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि यह हिमाचल की हाईड्रो योजनाओं पर लगाया गया है.


हाल ही में पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के दौरान हिमाचल के वॉटस सेस कानून के विरोध में प्रस्ताव भी पारित किया गया था. हरियाणा भी इस मसले पर हिमाचल का विरोध कर रहा है और दोनों राज्यों का कहना है कि यह कानून असंवैधानिक है.


मीटिंग के बाद क्या बोले सीएम सुक्खू

चंडीगढ़ में मीटिंग के बाद सीएम सुक्खू मीडिया से मुखातिब हुए और कहा कि भगवंत मान से हिमाचल से संबंधित मुद्दों पर चर्चा बुई है. हिमाचल और पंजाब भाई-भाई हैं. साथ ही टूरिज्म संबंधित एकसाथ मिलकर काम करेंगे. सुक्खू ने कहा कि पानी पर सेस लगाने पर चर्चा हुई है और सीएम ने कहा कि हिमाचल के हाइड्रो प्रोजेक्ट पर सेस लगाया है. इस मसले पर 15 दिन में सचिव लेवल पर मीटिंग होगी. हमने पानी पर सैस नहीं लगाया है. हाइड्रो प्रोजेक्ट पर सेस लगाया गया है.

क्या है पूरा मामला

हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. प्रदेश पर कुल 80 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. ऐसे में सरकार ने हाईड्रो प्रोजेक्टर पर वॉटर सेस लगाने का फैसला किया है. इस कानून की वजह से हिमाचल को 4 हजार करोड़ रुपये की आय़ का अनुमान है. हिमाचल में कुल 172 परियोजनाएं इस कानून के दायरे में आएंगी.

हाईकोर्ट भी पहुंचा मामला

हिमाचल प्रदेश सरकार के इस कानून के खिलाफ चंबा की होली बिजली परियोजना का प्रबंधन हाईकोर्ट पहुंचा है. उन्होंने सरकार के इस कानून को चुनौती दी है और कहा कि यह फैसला गलत है. हिमाचल के बजट सत्र में सीएम सुक्खू ने बयान दिया था कि पंजाब और हरियाणा पर इस कानून का कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि यह वॉटर सेस हिमाचल में बनी परियोजनाओं पर लगाया गया है.

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