बालासोर के बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास 2 जून को शाम सात बजे के करीब कोरोमंडल एक्सप्रेस स्टेशन पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी. इसकी चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी. इस रेल दुर्घटना में 292 लोगों की मौत हो गई थी और 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
अभी बहनगा बाजार स्टेशन पर नहीं रुकती कोई ट्रेन
बहानगा बाजार रेलवे स्टेशन से लगभग 170 ट्रेनें प्रतिदिन गुजरती हैं. हादसे के बाद सीबीआई ने लॉग बुक, रिले पैनल और उपकरण को जब्त कर इस स्टेशन को सील कर दिया था. अभी बहनगा बाजार स्टेशन पर कोई भी ट्रेन नहीं रुकती है.
सीआरएस ने कर्मचारियों की लापरवाही को किया था उजागर
सीआरएस ने कथित तौर पर कुछ जमीनी अधिकारियों की ओर से लापरवाही को उजागर किया था, जिन्होंने तीन साल पहले सुरक्षा चिंताओं के कारण डिजाइन में बदलाव किए जाने के बाद निरीक्षण की पर्याप्त सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया था.
3 जून को दर्ज हुई थी एफआईआर
ओडिशा ट्रिपल ट्रेन हादसे को लेकर बालासोर स्थित GRPS में 3 जून को FIR दर्ज की गई थी. बाद में रेल मंत्री ने घटना की जांच CBI से कराने की मांग की थी. केंद्र सरकार की सहमति के बाद CBI ने केस अपने हाथ में ले लिया था.
अब तक 42 शवों की नहीं हुई पहचान
ओडिशा रेल हादसे में जान गंवाने वाले 42 मृतकों के शव की अब तक पहचान नहीं हो पाई है. जिसकी वजह से अब भी 42 मृतकों का शव भुवनेश्वर के अस्पताल में ही रखा हुआ है. इन शवों के DNA टेस्ट रिपोर्ट आने का अब भी इंतज़ार है. वहीं, जल्द ही DNA रिपोर्ट के आने की उम्मीद की जा रही है.
कुछ मृतकों को लेकर परिवार का कोई भी आदमी या रिश्तेदार अब तक शव लेने आया ही नहीं है. जबकि, हादसे के बाद 81 मृत यात्रियों का DNA टेस्ट करवाया गया. इसमें 39 मृतकों को DNA सैंपल मैच करने के बाद उनके परिवार को अंतिम संस्कार करने को लेकर शव सौंप दिए गए.
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