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सुख सरकार के बजट में दिव्यांगो के लिए कुछ नहीं

हमीरपुर।(विजय लगवाल)

हिमाचल प्रदेश की सरकार सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में आने के बाद अपना पहला बजट पेश किया गया। उसमें दिव्यांगों को बजट में किया अनदेखा किया। सुख की सरकार में हर वर्ग को कुछ ना कुछ दिया गया लेकिन दिव्यांगों को दरकिनार कर दिया गया। हिमाचल प्रदेश में सबसे पिछड़ा हुआ वर्ग दिव्यांग है क्या दिव्यांग भी हिमाचल प्रदेश का अंग नहीं है। दिव्यांग वर्ग ने भी सरकार से बहुत आस लगाई हुई थी की सुख की सरकार दिव्यांगों को भी मुख्यधारा से जुड़ने का प्रयत्न करेगी लेकिन दिव्यांगों को निराशा हाथ लगी। यह बात डिसएबल हेल्पलाइन फाउंडेशन के जिला कोऑर्डिनेटर राजन वर्मा ने कही। 

उन्होंने कहा कि दिव्यांगों ने कई बार सरकार को अपनी डिमांड भेज कर सरकार को अवगत कराया और सरकार ने भी आश्वासन दिया था कि इस बजट में हम आपके लिए कुछ ना कुछ प्रबंध करेंगे लेकिन जब बजट पास हुआ तो दिव्यांगों का जिगर तक भी नहीं किया गया । दिव्यांगों ने धर्मशाला से लेकर शिमला तक पैदल यात्रा करते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिले ताकि हमारी उचित मांगे पूरी की जाए फिर भी 2023 के बजट में हिमाचल प्रदेश की सरकार ने दिव्यांगों को दरकिनार कर दिया गया । उनके बजट को खत्म कर दिया गया सहारा योजना जैसी स्कीम में जो बेड रिटर्न दिव्यांग है उनके लिए वरदान साबित थी उसके लिए भी कोई बजट नहीं दिया गया साथ ही तीन महीने की राशि निलंबित पड़ी है और ना ही उसमे वृद्धि की गई ना ही दिव्यांग पेंशन में बढ़ोतरी की गई । एक दिव्यांग ही दिव्यांग की भावना को समझ सकता है लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने हमें हर चीज से वंचित कर दिया गया।

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