परीक्षा में पहुंचाई बाधा तो होगी कुर्की की कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर पहली बार अधिकारियों को आदेश दिया कि जिलाधिकारियों की ओर से प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया जाएग. वह परीक्षा खत्म होने के बाद जिलाधिकारी के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक को रिपोर्ट करेंगे, ताकि प्रतिदिन की गतिविधियों की जानकारी मिल सके. वहीं, एग्जाम की कॉपियों की सख्त निगरानी के लिए पहली बार प्रधानाचार्य कक्ष से अलग स्ट्रांग रूम बनाया जाएगा. कॉपियों को डबल लॉक अलमारी में रखा जाएगा और उसकी मॉनिटरिंग 24 घंटे सीसीटीवी से की जाएगी.
सभी जिलों में कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति के बाद एग्जाम से पहले उनका सख्ती का प्रशिक्षण किया जाएगा. इसके साथ ही जिले में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक और वाह्य केंद्र व्यवस्थापकों का भी प्रशिक्षण किया जाएगा. परीक्षा में बाधा डालने व व्यवस्था को प्रभावित करने वालों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी और उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी.
पुलिसकर्मियों की निगरानी में होगा स्ट्रांग रूम
सीएम योगी ने निर्देश दिये कि प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के लिए प्रधानाचार्य कक्ष की जगह एक अलग से स्ट्रांग रूम बनाया जाए. उनकी सीसीटीवी से निगरानी के साथ दो सशस्त्र पुलिसकर्मियों की 24 घंटे तैनाती की जाएगी. परीक्षा केंद्रों पर वॉयस से लैस सीसीटीवी, डीवीआर, राउटर डिवाइस और हाईस्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्शन लगाए जाएंगे.
जिला मुख्यालय के डबल लॉक स्ट्रांग रूम से प्रश्नपत्रों के सील्ड बॉक्स को बंद गाड़ी में परीक्षा केंद्रों के डबल लॉक अलमारी में रखने के दौरान तीन सदस्य केंद्र व्यवस्थापक, वाह्य केंद्र व्यवस्थापक और स्टैटिक मजिस्ट्रेट के सामने उसे सील किया जाएगा. साथ ही प्रश्नपत्र खोलते समय भी तीनों की मौजूदगी सुनिश्चित की जाएगी. इस दौरान किसी के अनुपस्थित रहने पर उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. ऐसी स्थिति में प्रश्नपत्र को खोलते समय जिलाधिकारी या फिर अपर जिलाधिकारी की अनुमति जरूरी होगी.
58 लाख 85 हजार से अधिक परीक्षार्थियों ने कराया है रजिस्ट्रेशन
इस बार यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए 58 लाख 85 हजार 745 परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इनमें हाई स्कूल के 31 लाख 16 हजार 487 परीक्षार्थी शामिल हैं, जबकि इंटरमीडिएट के 27 लाख 69 हजार 258 परीक्षार्थी शामिल हैं. एग्जाम के लिए प्रदेश में 8 हजार 7 सौ 53 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें 540 राजकीय, 3523 सवित्त और 4690 वित्तविहीन कॉलेज शामिल हैं.
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