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चाइल्ड हेल्पलाइन हिमाचल प्रदेश की तरह से एक प्रतिनिधि मंडल अपनी मांगो को लेकर माननीय मुख्यमंत्री सुखु से मिला

शिमला:आज समस्त चाइल्ड हेल्पलाइन हिमाचल प्रदेश की तरह से एक प्रतिनिधि मंडल अपनी मांगो को लेकर माननीय मुख्यमंत्री सुखु जी से मिला । चाइल्ड हेल्पलाइन के आज के प्रतिनिधि मंडल की अध्यक्षता राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के सचिव श्री बबलू पंडित ने की । श्री बबलू पंडित ने हिमाचल प्रदेश के यशस्वी मुख्य मंत्री सुखु जी के सामने यह मांग रखी कि हिमाचल प्रदेश कि समस्त चाइल्ड लाइन टीम लगभग 10 से 15 साल से बाल संरक्षण मे काफी अहम भूमिका निभा रही है । इन्होने सुखु जी के सामने बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन् नंबर 1098 जोकी 0-18 साल् के बच्चों के लिए काम करता है, अगर कोई बच्चा किसी भी तरह के शोषण मे हो तो 24 घंटे दिन रात इस निशुल्क फोन सेवा के माध्यम से सहायता मांग सकता है। पहले यह योजना केंद्र सरकार द्वारा आउटसोर्स् के माध्यम से NGO के द्वारा संचालित की जा रही थी, परन्तु अब 31 अगस्त के बाद अब इस सेवा 1098 को हिमाचल प्रदेश का महिला एवं बाल विकास विभाग संचालित करेगा । अब कर्मचारियों को यह चिंता सताने लगी है कि 31 अगस्त के बाद उनका क्या होगा ? इस हेतु आज प्रतिनिधि मंडल ने चाइल्ड लाइन टीम की नौकरी पर आई समस्या के बारे मे मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि हिमाचल के लगभग 80 कर्मचारी राष्ट्रीय चाइल्ड हेल्पलाइन सेवा 1098 मे वर्तमान समय मे इस आशा में कार्यभार संभाले हुए कि भविष्य मे उनके हित मे कोई पालिसी बनाई जाएगी। आज टीम ने सुखु जी से आग्रह किया गया है कि वर्तमान कार्यरत टीम को ही मौका दिया जाये । माननीय मुख्य मंत्री सुखु जी ने आज बबलू पंडित की अध्यक्षता मे हिमाचल चाइल्ड लाइन टीम के प्रतिनिधिमंडल की पूरी बात सुनी और मुख्यमंत्री महोदय ने आज आश्वासन दिया है कि मेरी और से हाँ है पर आप एक बार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री से मिलकर उनसे प्रपोजल बना ले ताकि उचित कार्यवाही अमल मे लाई जा सके । राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के सचिव बबलू पंडित ने कहा है कि बह चाइल्डलाइन टीम के प्रतिनिधिमंडल एवं समस्त टीम के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े है और इनके साथ कभी अन्याय नही होने देंगे, साथ ही इन्होने यह भी कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री सुखु जी बहुत ही कर्मचारी हितैषी हैँ और बह आपका हक़ आपको दिला कर रहेंगे और आपके भविष्य को धयान मे रखते हुए आपके हित में ही फैसला लेंगे ।

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