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मंदिर दर्शन के लिए 1100 ₹ का शुल्क लगाना अनुचित एवं दुर्भाग्यपूर्ण फैसला,सनातन विरोधी निर्णय को वापस लें सरकार : महेंद्र धर्माणी

घुमारवीं (विनोद चड्ढा ) मंदिर दर्शन के लिए 1100 ₹ का शुल्क लगाना अनुचित एवं दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है भाजपा प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र धर्मानी ने कहा कि मंदिरों के वीआईपी कल्चर को बढ़ावा देना समाज विरोधी है । जहां आज दुनिया में वीआईपी कल्चर को समाप्त करके सभी को समान अधिकार और सुविधाएं दी जा रही हैं । वहीं प्रदेश सरकार वीआईपी कल्चर को बढ़ावा दे रही है । भाजपा प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र धर्मानी ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह निर्णय सनातन परंपरा में आस्था रखने वाले लाखों लोगों का की भावनाओं के खिलाफ है इससे आम जनता की भावनाएं आहत हुई हैं । उन्होंने कहा सरकार इस स्नातन विरोधी निर्णय को तुरंत वापस लें ताकि मंदिरों में वीआईपी कल्चर न पनप पाए ।
                        महेंद्र धर्मानी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अपनी 10 गारंटियों को पूरा करने के लिए इस प्रकार के तुगलकी फरमान जारी कर रही है । सरकार धन जुटाने के लिए अन्य साधन और विकल्प तलाश करें । देवभूमि में लोगों की आस्था के साथ ना खेले । महेंद्र धर्मानी ने कहा कि भारत एक पंथनिरपेक्ष देश है इसका मतलब यह कतई नहीं है कि सरकार इस तरह के फैसले मंदिरों पर जबरन थोपे । उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आते ही मुख्य संसदीय सचिवों और अन्य कैबिनेट रैंक देकर अपनी पार्टी की अंतर कलह शांत करने के लिए प्रदेश के खर्चे बड़ा दिए और अब उनकी भरपाई करने के लिए मंदिरों के वीआईपी कल्चर शुरू किया जा रहा है । उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि इस सनातन विरोधी निर्णय को वापस लें ताकि मंदिरों में आस्था रखने वाले लोग समानता और सहजता से दर्शन कर सकें ।

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