बद्दो ने उन बच्चों को बताया था कि वह पहले ईसाई था और उसने काफी ज्यादा परेशानियां झेली थी। इन परेशानियों से दूर होने के लिए उसने आयत पढ़ी और इस्लाम धर्म कबूल किया। इस्लाम को अपनाते ही उसकी सारी परेशानियां खत्म हो गई। इतना ही नहीं बद्दो ने तो बच्चों से ये भी कहा कि इस्लाम अपनाने के बाद वह अपनी जिंदगी में काफी सफल हुआ और आराम की जिंदगी जीने लगा।
उसने बच्चों को इस्लाम अपनाकर आत्मनिर्भर बनने की बात कही। उसका मकसद इन बच्चों को उनके परिवार से अलग करना था। जांच के दौरान पुलिस ने बच्चों को मोबाइल से चैट भी निकाले हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो बद्दो ने नाबालिग बच्चों को बताया था कि तीन-चार साल पहले ही उसने ईसाई धर्म छोड़कर इस्लाम को अपनाया, जिससे उसके जीवन में खुशियां लौटी। ये झूठी कहानी सुनाकर बद्दो ने 5 बच्चों को अपनी जाल में बिछाया और उनका ब्रेनवाश किया।
खबर ये आ रही है कि यूपी पुलिस बद्दो के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर सकती है। वो गाजियाबाद धर्मांतरण केस का मास्टरमाइंड था। सूत्रों ने खुलासा किया है कि बद्दो किराए की कार से भागता फिर रहा है। चैट से ये भी खुलासा हुआ है कि वो बच्चों को दुबई ले जाने की बातें भी बोलता था। पुलिस को शक है कि मामले का इंटरनेशनल कनेक्शन भी है। उसके दुबई जाने की शंका भी है, जिस वजह से उसके पासपोर्ट को जब्त करने के लिए पुलिस एक्शन ले सकती है।
मौलवी अब्दुल रहमान ने गुनाह कबूल किया
इसके पहले गाजियाबाद धर्मांतरण मामले में आरोपी मौलवी अब्दुल रहमान ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। आरोपी मौलवी ने स्वीकार किया कि उसने दो नाबालिग हिंदू लड़कों को अपनी बातों से प्रभावित किया था, जो बाद में उसके बताए रास्ते पर निकलते हुए मस्जिद में नमाज तक पढ़ने लगे थे। आरोपी अब्दुल ने खुलासा किया कि वो गैर मुस्लिम लड़कों को इस्लाम के बारे में जानकारी देता था। अब्दुल ने बताया कि उसकी जान पहचान एक साल पहले इलाके के दो नाबालिग लड़कों के साथ हुई थी।
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