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हिमाचल प्रदेश प्रधानाचार्य एवं निरीक्षण अधिकारी संघ बिलासपुर ने प्रधानाचार्य के नियमितीकरण में देरी पर सरकार और उच्च शिक्षा विभाग से नाराजगी जताई

हिमाचल प्रदेश प्रधानाचार्य एवं निरीक्षण अधिकारी संघ बिलासपुर ने प्रधानाचार्य के नियमितीकरण में देरी पर सरकार और उच्च शिक्षा विभाग से नाराजगी जताई है। सरकार द्वारा पदोन्नति में प्राचार्य पद का कार्य देना और वित्तीय लाभ ना देना नाराजगी का मुख्य कारण है। संघ नवनियुक्त प्राचार्यों को बधाई देता है और सरकार से मांग करता है कि भविष्य में पदोन्नति ही होनी चाहिए। प्रधानाचार्य बिना पदोन्नति नियमितीकरण के ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं जो उनके लिए चिंता का कारण है और भविष्य में और कठिनाई पैदा करेगा। नियमितीकरण न होने से प्राचार्य की कार्यकुशलता पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। विभाग में प्रधानाचार्य के साथ ही यह अन्याय हो रहा है जबकि बाकी सभी कर्मचारियों और अधिकारियों की पदोन्नति नियमित हो रही है। ज्ञात रहे की प्राचार्यों का नियमितीकरण 2017 से लंबित है और नियमितीकरण की फाइल शिक्षा निदेशालय, सचिवालय और लोक सेवा आयोग में धक्के खा रही है। फाइल पर कोई न कोई अपत्ति लगाकर जिम्मेदारी दूसरे पर डाल दी जाती है। प्रधानाचार्य सभी कर्मचारियों, बच्चों और लोगों के साथ न्याय करने के बावजूद अपने साथ हो रहे अन्याय से चिंतित हैं। संघ के जिला प्रधान डॉ राकेश शर्मा, उपप्रधान संतोष कुमारी, सचिव सुखलाल ठाकुर, प्रेस सचिव तिलक राज शुक्ला और वित्त सचिव प्रीत लाल शर्मा ने प्रेस को जारी बयान में सरकार से मांग की है कि प्राचार्यों की पदोन्नति का नियमितीकरण जल्द से जल्द किया जाए।

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